बदल गई है 70-80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री जया प्रदा, अब दिखती है ऐसे भगवन किसी के साथ ऐसा न करे.

जयाप्रदा बॉलीवुड की एवरग्रीन अभिनेत्रियों में से एक है। जयाप्रदा में अपनी अदाकारी से 70 और 80 के दशक में दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है

 जिस वजह से जयाप्रदा आज भी दर्शकों के दिल में समाई हुई है। ‌ जयाप्रदा उस दशक की सबसे बड़ी हीरोइनों में से एक मानी जाती थी।

जयाप्रदा ने करीब 7 भाषाई फिल्मों में काम किया है और उनके अभिनय की हर फिल्म में खूब सराहना की गई है। जयाप्रदा के साथ आज भी उनकी फिल्म को बड़े लगाव के साथ टीवी पर देखते हैं।

 जयाप्रदा ने कई मुख्य फिल्मों जैसे घर घर की कहानी, औलाद, तोहफा, घर एक मंदिर‌ आदि सुपरहिट फिल्में शामिल है। जयाप्रदा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है

और अब हाल ही में उन्होंने अपना 60 वां जन्मदिन मनाया है जिसके चलते उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बेहद प्यारी तस्वीर शेयर की है।

जयाप्रदा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वह एक गाउन पहने हुए कुर्सी पर बैठकर कैमरे के सामने दिलकश अदाओं में पूछ देती हुई नजर आ रही है।

जयप्रदा की लेटेस्ट फोटो को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी तब की और अब की खूबसूरती में कोई फर्क नहीं आया है। जयाप्रदा के फैंस उनकी इस लेटेस्ट तस्वीरों पर कमेंट कर रहे है।

एक यूजर ने जयाप्रदा की तस्वीर पर कमेंट किया और कहा “क्या यह आप है? आप तो पहले से भी ज्यादा खूबसूरत दिख रही है!” इसके अलावा एक अन्य यूजर ने कहा “बिल्कुल अप्सरा लग रही हैं

 आप।” जयाप्रदा अक्सर अपने फैंस के साथ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर करती रहती है और उनके फैंस भी उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर फॉलो करते रहते हैं।

बता दे जया प्रदा अब फिल्मों से दूर हैं. फिल्मों से दूरियां बनाने के बाद उन्होंने राजनीती में हाथ अजमाया हैं और काफी सफल भी रही हैं. जया को साल 1994 में तेलुगु देशम पार्टी(टीडीपी) के फाउंडर एनटी रामा राव ने उन्हें राजनीती में आने का न्यौता दिया था

और उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकेट भी देने की बात कहीं थी लेकिन उन्होंने राजनीती में डेब्यू करने से मना कर दिया था. लेकिन उन्होंने चुनाव में टीडीपी के लिए प्रचार किया और एनटी रामा राव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने .

इसके बाद साल 1996 में टीडीपी ने उन्हें आंध्रप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए राज्यसभा  भेजा और तेगुलू महिला का अध्यक्ष भी बनाया गया.

इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष ऍन चंद्रबाबू नायडू के साथ आपसी मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी और समाजपार्टी का दामन थाम लिया और 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा और 85000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की.

2009 में जया प्रदा 30000 से अधिक वोटों से दूसरी बार चुनाव जीता. 2014 में जया को आरएलडी की टिकेट पर बिजनोर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी थी. बता दे साल 2019 में जया प्रदा ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी.